FREE MJY-001 भारतीय ज्योतिष का परिचय एवम् ऐतिहासिकता HELP BOOKS And NOTES
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The IGNOU MJY-001 Help Book is a valuable academic resource curated for students enrolled in the “Introduction and Historicity of Indian Astrology” course under IGNOU. This course introduces the deep philosophical, astronomical, and historical foundation of Jyotish Shastra (Indian Astrology).
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Chapter-Wise Notes in Hindi:
Chapter 1: ज्योतिष शास्त्र का उद्भव एवं विकास
- ज्योतिष शास्त्र की उत्पत्ति: मानव की ब्रह्मांड के प्रति जिज्ञासा ने ज्योतिष विद्या को जन्म दिया। प्राचीन काल से यह विज्ञान और दर्शन का संगम रहा है।
- वैदिक काल: ऋग्वेद, यजुर्वेद में खगोलीय घटनाओं का वर्णन। वेदांग ज्योतिष (1200 ई.पू.) को ज्योतिष का प्रथम ग्रंथ माना जाता है।
- प्रमुख शाखाएँ: सिद्धांत (गणितीय), संहिता (सामुद्रिक), होरा (कुंडली फलादेश)।
- महान ज्योतिषाचार्य: आर्यभट्ट, वराहमिहिर, भास्कराचार्य ने वैज्ञानिक रूप में ज्योतिष को समृद्ध किया।
Chapter 2: ज्योतिष शास्त्र की उपयोगिता
- शिक्षा में: गुरुकुल प्रणाली में त्रिस्कन्ध की शिक्षा।
- समाज में: विवाह, गृहप्रवेश, नामकरण में मुहूर्त का चयन।
- पर्यावरण: नक्षत्रों पर आधारित खेती व ऋतु चक्र।
- स्वास्थ्य: ग्रहों का शारीरिक अंगों से संबंध।
- समस्याओं का समाधान: ग्रह दोषों के लिए उपाय जैसे रत्न, मंत्र, यज्ञ।
Chapter 3: ज्योतिष शास्त्र के अंग
- त्रिस्कन्धात्मक संरचना:
- सिद्धांत – गणना आधारित ज्योतिष (सूर्य सिद्धांत)।
- संहिता – प्राकृतिक घटनाएँ (बृहत्संहिता)।
- होरा – व्यक्तिगत भविष्यवाणी (जातक पारिजात)।
- एकता: तीनों अंग परस्पर जुड़े हैं। सिद्धांत से संहिता और होरा का संचालन।
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Chapter 4: सृष्टि, प्रलय, पृथ्वी, दिग्व्यवस्था
- सृष्टि सिद्धांत:
- सांख्य दर्शन: प्रकृति-पुरुष सिद्धांत।
- वैदिक: हिरण्यगर्भ से सृष्टि।
- सौर मंडल और पृथ्वी:
- पृथ्वी को नवग्रहों के प्रभाव में मानना।
- ऋतुओं की खगोलीय व्याख्या।
- दिग्व्यवस्था:
- दिशाओं का वर्गीकरण और भारत का भूगोलिक विवरण।
- काल मापन:
- त्रुटि से महायुग तक की समय गणना।
- नित्य और महाप्रलय की अवधारणाएँ।
निष्कर्ष
भारतीय ज्योतिष केवल भाग्य की गणना नहीं, बल्कि यह ब्रह्मांड, प्रकृति और जीवन के रहस्यों की खोज का माध्यम है। MJY-001 विषय न केवल ज्योतिष की ऐतिहासिकता और सिद्धांतों को समझाता है, बल्कि छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ज्योतिष के महत्व को जानने का अवसर देता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न
- संस्कृत भाषा के उद्भव व वैशिष्ट्य का वर्णन करें।
- वैदिक साहित्य का संक्षिप्त परिचय प्रदान करें।
- वेदाङ्गों का संक्षिप्त वर्णन करें।
- काव्य शास्त्र का संक्षिप्त परिचय प्रदान करें।
- आयुर्वेद का परिचय प्रदान करें।
- ज्योतिष की परिभाषा और प्रवर्तकों का वर्णन करें।
- ज्योतिष के स्कन्धों का संक्षिप्त परिचय।
- ज्योतिष का ऐतिहासिक विकास।
- वर्तमान समय में ज्योतिष की उपयोगिता।
- ज्योतिष की उत्पत्ति का वर्णन।
- विकास क्रम का विवरण।
- विभिन्न विद्वानों के मत।
- आधुनिक काल में ज्योतिष का विकास।
- वेदांगता का विवरण।
- वेदांग ज्योतिष की अवधारणा।
- नक्षत्र स्वरूप का वर्णन।
- वेदांग ज्योतिष पर निबंध।
- लगधप्रोक्त काल निर्धारण।
- मास और ऋतुओं की परिकल्पना।
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