MJY-004 कुंडली निर्माण Important Questions And Answers

MJY-004 कुंडली निर्माण Important Questions And Answers- एमजेवाई-004 कुंडली निर्माण ज्योतिष शास्त्र के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम उन्हें कुंडली बनाने की कला सिखाता है, जो ज्योतिषीय विश्लेषण का आधार है।

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एमजेवाई-004 कुंडली निर्माण एक ज्योतिष शास्त्रीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली बनाई जाती है। यह कुंडली व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, धन, शिक्षा, करियर, विवाह, संतान इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान करती है।




पाठ्यक्रम की रूपरेखा

भाग 1: ज्योतिष शास्त्र की मूल बातें

  • ग्रहों, राशियों, और भावों का परिचय।
  • कुंडली के विभिन्न घटकों का अर्थ और महत्व।
  • ज्योतिषीय गणनाओं की मूल बातें।

भाग 2: कुंडली निर्माण

  • जन्म कुंडली का निर्माण।
  • गोचर कुंडली का निर्माण।
  • अन्य प्रकार की कुंडलियों का निर्माण।

भाग 3: कुंडली का विश्लेषण

  • ग्रहों की स्थिति और दशाओं का विश्लेषण।
  • भावों का विश्लेषण।
  • कुंडली से भविष्यवाणियां करना।

MJY-004 कुंडली निर्माण Important Questions And Answers

कल्पित उदाहरण से सूर्य का गति साधन कीजिए ।

तारीख: 17 मई 2023

2. स्थान: दिल्ली, भारत

3. समय: 12:00 PM

4. पंचांग से सूर्य की गति: 59 कला 49 विकला

5. चालन: 19 घटी 15 पल (ऋण)

गति साधन

1. चालन को 60 से भाग दें:

19 घटी 15 पल / 60 = 0.3229166666666667

2. चालन को सूर्य की गति से गुणा करें:

0.3229166666666667 * 59 कला 49 विकला = 19 कला 24 विकला

3. प्राप्त परिणाम को 60 से भाग दें:

19 कला 24 विकला / 60 = 0.3208333333333333

4. अंतिम परिणाम को सूर्य की गति में जोड़ें:

59 कला 49 विकला + 0.3208333333333333 = 59 कला 50 विकला

इस प्रकार, 17 मई 2023 को दिल्ली, भारत में सूर्य की गति 59 कला 50 विकला होगी।

कल्पित उदाहरण से भौमग्रहस्पष्टीकरण कीजिए ।

वक्री ग्रह में स्पष्टीकरण प्रक्रिया को स्वकल्पित उदाहरण से प्रस्तुत कीजिए ।

राहुस्पष्टीकरण गतिसाधनपूर्वक स्वकल्पित उदाहरण से प्रस्तुत कीजिए ।

नक्षत्र क्या है? जन्मनक्षत्र और गतनक्षत्र का सोदाहरण परिचय दें।

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भयात एवं भभोग साधन विधि का सोदाहरण परिचय दें।

क्षयनक्षत्र क्या है? क्षय नक्षत्र की स्थिति में भयात – भभोग साधन विधि का सोदाहरण वर्णन करें।

वृद्धिनक्षत्र क्या है? वृद्धि नक्षत्र की स्थिति में भयात – भभोग साधन विधि का सोदाहरण विवेचन करें ।



चन्द्रस्पष्टीकरण प्रक्रिया को सोदाहरण प्रस्तुत करें।

चन्द्रगति साधन प्रक्रिया को सोदाहरण प्रस्तुत करें।

इष्टकाल की परिभाषा देते हुए उसकी विस्तृत व्याख्या करें

कल्पित उदाहरणों सहित इष्टकाल साधन विधि का निरूपण कीजिए ।

साम्पातिक काल साधन विधि का सोदाहरण वर्णन कीजिए ।

कल्पित उदाहरण सहित चालन साधन विधि का अभ्यास कीजिए ।

 

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