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Class 12th Chapter 2 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Notes हिंदी
कांग्रेस के प्रभुत्व के कारण
- कांग्रेस एक विविधतापूर्ण राजनीतिक दल था, जिसमें विभिन्न सामाजिक समूहों और विचारधाराओं के लोग शामिल थे। यह स्वरूप कांग्रेस को एक व्यापक आधार प्रदान करता था और उसे विभिन्न मतों को एकजुट करने में मदद करता था।
- कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पार्टी थी। इस आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने भारतीय जनता के बीच व्यापक जनसमर्थन प्राप्त किया था। यह समर्थन कांग्रेस को चुनावों में जीत हासिल करने में मददगार रहा।
- कांग्रेस के पास ऐसे नेतृत्वकर्ता थे जो कुशल, अनुभवी और लोकप्रिय थे। इन नेतृत्वकर्ताओं ने कांग्रेस को एक मजबूत और संगठित दल के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की स्थिति कमजोर थी। इन दलों के पास कांग्रेस के समान संगठनात्मक ताकत या जनसमर्थन नहीं था। Class 12th Chapter 2 Political Science Important Questions In Hindi एक दल के प्रभुत्व का दौर
कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति
कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति एकात्मक नहीं थी। कांग्रेस एक बहुआयामी दल था और इसमें विभिन्न विचारधाराओं और दृष्टिकोणों के लोग शामिल थे। इस कारण कांग्रेस के भीतर मतभेद और संघर्ष भी होते थे। हालांकि, इन मतभेदों के बावजूद कांग्रेस ने एकता बनाए रखी और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। Class 12th Chapter 2 Political Science Important Questions In Hindi एक दल के प्रभुत्व का दौर Book 1
कांग्रेस के प्रभुत्व के परिणाम
- कांग्रेस के नेतृत्व में भारत एक लोकतांत्रिक देश के रूप में उभरा। कांग्रेस ने चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कांग्रेस के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की। कांग्रेस ने औद्योगीकरण, कृषि विकास और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए।
- कांग्रेस ने सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया। कांग्रेस ने सामाजिक सुधारों के लिए कई कानूनों और नीतियों को लागू किया।
कांग्रेस के प्रभुत्व का अंत
कांग्रेस के प्रभुत्व का अंत 1967 के चुनावों के बाद हुआ। इन चुनावों में कांग्रेस को पहली बार हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के प्रभुत्व के अंत के कई कारण थे।
- कांग्रेस के भीतर मतभेद और संघर्ष बढ़ गए थे। इन मतभेदों ने कांग्रेस को कमजोर किया और उसे चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
- विपक्षी दलों ने मजबूती हासिल की थी। इन दलों ने कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़े और सफलता प्राप्त की।
- देश में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन हो रहे थे। इन परिवर्तनों के कारण कांग्रेस की लोकप्रियता कम हो रही थी।
कांग्रेस के प्रभुत्व का दौर भारतीय लोकतंत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण अध्याय था। इस दौर में कांग्रेस ने भारतीय राजनीति में एक दबदबा कायम किया और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, कांग्रेस के प्रभुत्व के अंत ने भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत की।
12th Class Political Science Syllabus Hindi
1st Book स्वतंत्र भारत में राजनीति
2nd Book समकालीन विश्व राजनीति
II | समकालीन विश्व राजनीति |
1 | शीतयुद्ध का दौर |
2 | दो ध्रुवीयता का अंत |
3 | समकालीन विश्व में अमेरीकी वर्चस्व |
4 | सत्ता के वैकल्पिक केंद्र |
5 | समकालीन दक्षिण एशिया |
6 | अंतर्राष्ट्रीय संगठन |
7 | समकालीन विश्व में सुरक्षा |
8 | पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन |
9 | वैश्वीकरण |
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Class 12th Chapter 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर Important Questions In Hindi
Long Questions
- एक दल के प्रभुत्व के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए।
- एक दल के प्रभुत्व के दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- एक दल के प्रभुत्व के अंत के कारणों का वर्णन कीजिए।
- एक दल के प्रभुत्व के अंत के बाद क्या होता है?
- भारतीय जनसंघ का कौन सा सदस्य प्रधनमंत्री नेहरू के प्रथम मंत्रिपरिषद में मंत्री बना? उसने कब व क्यों इस्तीफा दिया ?
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन कब व क्यों हुआ ?
- 1950 के दशक में विपक्षी दलों की लोकसभा व विधानसभा में भूमिका किस प्रकार थी?
- कांग्रेस किन अर्थों में एक विचारधारात्मक गठबंधन थी? उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कांग्रेस व विपक्षी दलों के मध्य सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
- भारतीय जनसंघ व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा में क्या अंतर था?
- प्रथम आम चुनाव को इतिहास का सबसे बड़ा जुआ की संज्ञा देकर क्यों आशंकाए व्यक्त की गई ?
- पार्टियों के भीतर गठबन्धन तथा पार्टियों के बीच गठबंधन में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
- भारत में राजनीतिक दलों की प्रतिस्पर्धा को सशक्त बनाने वाले कारणो की विवेचना कीजिए।
Short Questions
प्रश्न 1. भारत में एक दल के प्रभुत्व का दौर कब से शुरू हुआ और कब समाप्त हुआ?
उत्तर: 1947 से 1977 तक
प्रश्न 2. एक दल के प्रभुत्व का दौर किस दल के प्रभुत्व का दौर था?
उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
प्रश्न 3. एक दल के प्रभुत्व का दौर समाप्त होने के बाद भारत में कौन-सी दलीय प्रणाली विकसित हुई?
उत्तर: बहुदलीय प्रणाली
प्रश्न 4. एक दल के प्रभुत्व का दौर समाप्त होने के प्रमुख कारण क्या थे?
उत्तर:
- कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी
- क्षेत्रीय दलों का उदय
- आर्थिक समस्याओं का बढ़ना
- सामाजिक परिवर्तनों का होना
प्रश्न 5. एक दल के प्रभुत्व का दौर भारत के लिए किस तरह से महत्वपूर्ण था?
उत्तर: इसने भारत को एक एकजुट राष्ट्र के रूप में विकसित होने में मदद की। इसने भारत में आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया। इसने भारत में सामाजिक परिवर्तनों को गति प्रदान की।
प्रश्न 6. एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या थीं?
उत्तर: भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति (1947), भारत का एकीकरण (1950), पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और समानता के लिए प्रयास
प्रश्न 7. एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रमुख कमियाँ क्या थीं?
उत्तर: संगठनात्मक कमजोरी, क्षेत्रीय दलों का उदय, आर्थिक समस्याओं का बढ़ना, सामाजिक परिवर्तनों का सामना करने में असमर्थता
प्रश्न 8. एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में राजनीतिक स्थिरता थी या अस्थिरता?
उत्तर: एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में राजनीतिक स्थिरता थी। इस अवधि में भारत में कोई आम चुनाव नहीं हुआ और कांग्रेस पार्टी लगातार सत्ता में रही।
प्रश्न 9. एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में आर्थिक विकास हुआ या नहीं?
उत्तर: एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में आर्थिक विकास हुआ। इस अवधि में भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया गया।
प्रश्न 10. एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में सामाजिक परिवर्तन हुए या नहीं?
उत्तर: एक दल के प्रभुत्व का दौर के दौरान भारत में सामाजिक परिवर्तन हुए। इस अवधि में भारत में सामाजिक न्याय और समानता के लिए प्रयास किए गए।