क्या चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम को मदद पहुंचाई या हतोत्साहित किया – चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन यह भूमिका समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रही। प्रारंभिक दौर में, विशेष रूप से जब वियतनाम फ्रांस के औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष कर रहा था, चीन ने वियतनाम को समर्थन दिया। 1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की जीत के बाद, चीन ने उत्तरी वियतनाम के हो ची मिन्ह और उनकी वियेत मिन्ह सेना को सक्रिय समर्थन देना शुरू किया। चीन ने सैन्य प्रशिक्षण, हथियार और रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। यह समर्थन 1954 की जिनेवा संधि तक जारी रहा|
हालांकि, 1960 के दशक के मध्य से, जब वियतनाम युद्ध (दूसरा इंडोचीन युद्ध) अपने चरम पर था और उत्तरी वियतनाम अमेरिका के खिलाफ लड़ रहा था, चीनी सहायता ने एक जटिल मोड़ लिया। चीन ने उत्तरी वियतनाम को निरंतर सहायता प्रदान की, लेकिन साथ ही सोवियत संघ भी उत्तरी वियतनाम का एक प्रमुख सहयोगी बन गया। चीन और सोवियत संघ के बीच वैचारिक और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण, वियतनाम को दोनों देशों से सहायता मिलती रही, लेकिन इससे उत्तरी वियतनाम को अपनी रणनीति में संतुलन बनाए रखना पड़ा।
क्या चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम को मदद पहुंचाई या हतोत्साहित किया – विपरीत, 1970 के दशक के उत्तरार्ध में, चीन और वियतनाम के संबंध बिगड़ गए। 1975 में वियतनाम युद्ध के अंत के बाद, वियतनाम ने कंबोडिया में पोल पॉट के खिलाफ हस्तक्षेप किया, जबकि पोल पॉट का शासन चीन समर्थित था। इसके परिणामस्वरूप 1979 में चीन ने वियतनाम पर आक्रमण किया, जिसे चीन-वियतनाम युद्ध के रूप में जाना जाता है। इस युद्ध ने स्पष्ट कर दिया कि चीन के बीच संबंधों में गंभीर तनाव था, और यह स्थिति 1980 के दशक में भी जारी रही।
चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम को विभिन्न समयों पर विभिन्न रूपों में समर्थन और हतोत्साहित दोनों किया। प्रारंभिक दौर में समर्थन प्रमुख था, जबकि बाद के वर्षों में संबंधों में जटिलता और टकराव भी दिखा। क्या चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम को मदद पहुंचाई या हतोत्साहित किया
क्या चीन ने वियतनाम युद्ध में मदद की थी?
सैन्य सहायता: चीन ने उत्तरी वियतनाम को हथियार, गोला-बारूद, भोजन, ईंधन और अन्य सैन्य प्रदान की।
वित्तीय सहायता: चीन ने उत्तरी वियतनाम को ऋण और अनुदान भी प्रदान किए।
सैनिक: 1968 में, चीन ने उत्तरी वियतनाम की सीमा पर सैनिकों को तैनात किया ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका को डराया जा सके और उत्तरी वियतनाम पर हमला करने से रोका जा सके।
चीन का समर्थन उत्तरी वियतनाम के लिए महत्वपूर्ण था। चीन की सहायता के बिना, उत्तरी वियतनाम को संयुक्त राज्य अमेरिका को हराना बहुत मुश्किल होता। क्या चीनी गणराज्य ने वियतनाम के स्वाधीनता संग्राम को मदद पहुंचाई या हतोत्साहित किया
फ्रांसीसियों ने वियतनाम क्यों छोड़ा?
फ्रांसीसियों ने वियतनाम को छोड़ने के कारण
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की स्थिति: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, फ्रांस ने वियतनाम पर अपना उपनिवेशिक नियंत्रण पुनः स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन इस बीच वियतनाम में स्वतंत्रता आंदोलन तेज हो गया था। हो ची मिन्ह के नेतृत्व में वियत मिन्ह ने 1945 में स्वतंत्रता की घोषणा की, जिससे फ्रांसीसी उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष शुरू हो गया।
पहला इंडोचाइना युद्ध: 1946 से 1954 तक चले इस युद्ध में फ्रांस को वियत मिन्ह के साथ लंबी और खर्चीली लड़ाई लड़नी पड़ी। फ्रांस ने इसे अपने लिए सैन्य और आर्थिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत महंगा पाया।
दियेन बिएन फू की लड़ाई: 1954 में दियेन बिएन फू की निर्णायक लड़ाई में फ्रांसीसी सेना को भारी पराजय का सामना करना पड़ा। इस पराजय ने फ्रांस के लिए वियतनाम में अपने नियंत्रण को बनाए रखना असंभव बना दिया।
जिनेवा सम्मेलन: दियेन बिएन फू की लड़ाई के बाद, जिनेवा सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें वियतनाम को दो हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया – उत्तर वियतनाम (हो ची मिन्ह के नेतृत्व में) और दक्षिण वियतनाम (अमेरिकी समर्थक सरकार के साथ)। इस सम्मेलन के तहत फ्रांस ने वियतनाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जताई।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और अमेरिका की भूमिका: इस समय तक अमेरिका ने दक्षिण वियतनाम में बढ़ती हुई साम्यवादी ताकतों को रोकने के लिए अपनी भूमिका बढ़ानी शुरू कर दी थी। फ्रांस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा था कि वह अपने उपनिवेशों को स्वतंत्रता दे।