IGNOU का इतिहास और भारत में दूरस्थ शिक्षा पर इसका असर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) एक उदाहरण है कि पिछले कुछ दशकों में भारत में उच्च शिक्षा का क्षेत्र तेजी से बदल गया है। इसने पारंपरिक कॉलेजों तक नहीं पहुंच सकने वाले विद्यार्थियों को भी शिक्षा दी।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:
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IGNOU की स्थापना कैसे हुई?
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इसका मिशन और उद्देश्य क्या था?
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IGNOU ने भारत में Distance Education को कैसे बदला?
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इसके वर्तमान योगदान और भविष्य की दिशा
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IGNOU की स्थापना – एक ऐतिहासिक कदम
शुरुआत कब और क्यों हुई?
1985 में भारत सरकार ने एक विशेष अधिनियम के माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) की स्थापना की। यह विश्वविद्यालय 1987 से शैक्षणिक कार्यक्रम चलाने लगा।
स्थापना का उद्देश्य था –
“शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाना, विशेषकर उन लोगों के लिए जो किसी कारणवश नियमित कॉलेज नहीं जा सकते।”
IGNOU का नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सम्मान में रखा गया था, जिन्होंने शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की सोच को प्रोत्साहित किया।
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उद्देश्य और लक्ष्य (Mission & Vision)
IGNOU का उद्देश्य सिर्फ डिग्री देना नहीं था, बल्कि भारत के अंतिम छोर तक ज्ञान पहुंचाना था।
प्रमुख उद्देश्य:
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उच्च शिक्षा में समानता और समावेशिता लाना
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कामकाजी पेशेवरों को फ्लेक्सिबल मोड में शिक्षा देना
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शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए इसे किफायती बनाना
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महिला, ग्रामीण, आदिवासी और वंचित समुदायों तक पहुंचना
IGNOU की प्रमुख विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
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स्थापना वर्ष | 1985 |
पहला कोर्स लॉन्च | 1987 (Diploma in Management & Distance Education) |
वर्तमान छात्र संख्या | 30 लाख से अधिक (2024 डेटा) |
स्टडी सेंटर्स | 1,800+ केंद्र पूरे भारत में |
क्षेत्रीय केंद्र | 67 |
पाठ्यक्रम | 200+ डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और डॉक्टरेट कार्यक्रम |
IGNOU का Distance Education मॉडल
IGNOU का Distance Learning सिस्टम भारतीय संदर्भ में अनूठा है। यह चार स्तंभों पर आधारित है:
1. Self Learning Material (SLM)
– विद्यार्थियों को घर बैठे अध्ययन सामग्री (पुस्तकें) भेजी जाती हैं।
– हर विषय को सरल भाषा और संरचित रूप में समझाया गया होता है।
2. Personal Contact Programme (PCP)
– स्टडी सेंटर्स में वीकेंड क्लासेस और डाउट क्लियरिंग सेशन्स आयोजित होते हैं।
3. Assignments & Term-End Exams
– प्रैक्टिकल अप्रोच के लिए असाइनमेंट अनिवार्य हैं।
– हर 6 महीने में टर्म एंड एग्जाम होते हैं।
4. Online Support & e-GyanKosh
– डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए e-GyanKosh, SWAYAM, IGNOU e-Content App जैसे टूल्स का इस्तेमाल।
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IGNOU के लोकप्रिय पाठ्यक्रम
IGNOU हर वर्ग के छात्रों के लिए कुछ न कुछ ऑफर करता है – चाहे वो 12वीं पास हो, ग्रेजुएट हो या नौकरीपेशा।
कुछ प्रमुख कोर्स:
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Bachelor’s Degree: BA, B.Com, B.Sc, BCA, BSW
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Master’s Degree: MA (Education, Hindi, English, Sociology), M.Com, MBA, MSc
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Diploma Courses: PGDHRM, PGDCA, DECE
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Certificate Courses: CTPM, CFN, CIG, CHR
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PhD Programmes: कई विषयों में डॉक्टोरल स्टडीज़
भारत में दूरस्थ शिक्षा पर IGNOU का प्रभाव
IGNOU ने सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के तौर पर काम नहीं किया, बल्कि पूरे देश में एक Distance Education Movement शुरू किया।
प्रमुख प्रभाव:
1. शिक्षा में समानता
IGNOU ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, गृहिणियों, ग्रामीण युवाओं और वंचित तबकों को शिक्षा से जोड़ा।
2. वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए अवसर
जिन्हें फुल टाइम जॉब के चलते रेगुलर क्लास में बैठना संभव नहीं था, उनके लिए IGNOU ने Flexible Learning सिस्टम दिया।
3. राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता
UGC-DEB, AICTE, NCTE, NAAC जैसी संस्थाओं से मान्यता ने इसे भरोसेमंद बनाया।
4. भारत की नीतियों पर प्रभाव
NEP 2020 जैसी नई शिक्षा नीतियों में भी IGNOU की नीति और मॉडल को काफी जगह दी गई है।
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IGNOU और डिजिटल इंडिया
IGNOU ने डिजिटल युग को अपनाने में तेज़ी दिखाई है:
ई-लर्निंग पहल:
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e-GyanKosh: डिजिटल लाइब्रेरी
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IGNOU eContent App: मोबाइल लर्निंग
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SWAYAM Platform: मुफ्त ऑनलाइन कोर्सेज
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YouTube Channel: लेक्चर और गाइडेंस
Online Exams और Admission:
आज IGNOU का admission, assignment submission, exam form सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है।
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IGNOU की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
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UNESCO द्वारा प्रशंसित मॉडल
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कई अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देशों ने IGNOU मॉडल को अपनाया
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भारत सरकार की योजनाओं (जैसे – PMKVY, Digital Literacy Mission) में सहयोगी भूमिका
IGNOU छात्रों की सफलता की कहानियां
उदाहरण:
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कई IAS, UPSC, NET/JRF पास छात्र IGNOU से पढ़े हैं
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हाउसवाइव्स, आर्मी ऑफिसर, किसान, ड्राइवर जैसे लोगों ने IGNOU से डिग्री पाई और करियर बदला
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दृष्टिहीन और specially-abled छात्रों के लिए स्पेशल सपोर्ट सिस्टम
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FAQs
Q1. क्या IGNOU की डिग्री सरकारी नौकरी में मान्य है?
हाँ, IGNOU UGC से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। इसकी डिग्री सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में मान्य है।
Q2. IGNOU से पढ़ाई करने में कितने साल लगते हैं?
यह कोर्स पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, BA की अवधि 3 साल है लेकिन Distance Mode में 6 साल तक की छूट मिलती है।
Q3. क्या IGNOU की पढ़ाई मुश्किल होती है?
नहीं, अगर आप नियमित रूप से Self Study, Assignments और PCP Sessions करते हैं, तो यह पूरी तरह मैनेजबल है।
Q4. IGNOU की पढ़ाई से कौन-कौन से करियर ऑप्शन खुलते हैं?
Teaching, Research, Government Jobs, Freelancing, NGOs, Corporate Jobs और Higher Studies (NET, PhD, etc.) के अवसर मिलते हैं।
निष्कर्ष
IGNOU ने भारत में Distance Education की सोच को ही नहीं बदला, बल्कि इसे एक सशक्त आंदोलन बना दिया। आज यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि लाखों लोगों के सपनों का माध्यम बन चुकी है।
शिक्षा का लोकतंत्रीकरण, तकनीक के साथ शिक्षा का विस्तार, और वंचित वर्गों तक पहुंच – यह सब कुछ IGNOU ने बखूबी कर दिखाया है।
अगर आपने कभी कॉलेज नहीं जा पाए, तो IGNOU आपके लिए दरवाजा खोलता है – पढ़ो, बढ़ो और आगे बढ़ो।
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