IGNOU MSK 001 Important Questions And Answers In Hindi

IGNOU MSK 001 Important Questions And Answers In Hindi- यह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) द्वारा एम.ए. संस्कृत कार्यक्रम के पहले वर्ष के लिए पेश किए गए पाठ्यक्रमों में से एक है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को संस्कृत साहित्यशास्र एवं साहित्य का परिचय कराता है।

इकाई 1: वेद और वेदांग

  • वेदों का परिचय, वर्गीकरण और महत्व
  • वेदांगों का परिचय और उनका महत्व
  • वेदों और वेदांगों में साहित्यिक तत्व

इकाई 2: प्राचीन संस्कृत साहित्य

  • महाकाव्यों का परिचय: रामायण और महाभारत
  • पुराणों का परिचय
  • नाट्य साहित्य का परिचय: कालिदास और उनके नाटक

इकाई 3: मध्यकालीन संस्कृत साहित्य

  • काव्यशास्त्र का परिचय: ध्वनि, रस, अलंकार आदि
  • नाट्यशास्त्र का विस्तृत अध्ययन
  • भक्ति साहित्य का परिचय: शंकराचार्य, रामानुज, चैतन्य आदि

इकाई 4: आधुनिक संस्कृत साहित्य

  • आधुनिक साहित्यिक आंदोलन: नवजागरण, रोमांटिकवाद, यथार्थवाद आदि
  • आधुनिक कवियों और लेखकों का परिचय
  • संस्कृत साहित्य का भविष्य

1.अस्य ग्रन्थस्य काव्याद्गराया काव्यफलैरेव फलवत्वमिति काव्यफलान्याह –
चतुर्वर्गफलप्राप्तिर्हि काव्यतो

तुर्वर्गफलप्राप्तिः सुखादयधियानपि

काव्यादेव यतस्तेन तत्स्वरूपं निरूप्यते ।।

रामादिवत्प्रवर्तितव्यं न रावणादिवत् इत्यादि कृत्याकृत्यप्रवृत्तिनिवृत्युपदेशद्वारेण

धर्मार्थकाममोक्षेषु वैचक्षण्यं कलासु च

करोति की प्रीति साधुकाव्यनिबन्धनम्। इति

2.”अदोष गुणवत्काव्यमल करल कृतम्।
रसान्धित कविः कर्वन कीर्ति प्रीति च विन्दति ।।
इत्यादीनामपि काव्यलक्षणत्वमपासाम् ।

ध्वनिकार आचार्य आनन्दवर्धन के काव्य-लक्षण का खण्डनयशु ध्वनिकारेणोक्तम् “काव्यस्यात्मा ध्यानि” इति तत्किं वस्तवल

काररसादिलक्षणस्त्रिरूपो ध्वनिः काव्यस्यात्मा

उत रसादिरूपमात्र या ? नाथ प्रहेलिका दायतिव्याप्तेः द्वितीयदोमिति ब्रूमः ।

3. ऋग्वेद सामवेद गणितमथ कलां वैशिकी हस्तिशिक्षा,

ज्ञात्वा शर्वप्रसादाद् व्यपगततिमिरे चक्षुषी चोपलभ्य

राजानं वीक्ष्य पुत्रं परमसमुदयेनाश्वमेधेन येष्ट्वा लब्या पायु शताब्दं दर्शादेनसहितं

शूद्रकोऽग्निं प्रविष्टः ।

4.प्रमुख खण्ड काव्यों का विस्तारपूर्वक परिचय दें।

5.साहित्यदर्पण के अनुसार काव्य लक्षण पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए ।

6.वासवदत्ता

7. रघुवंश’ महाकाव्य की कथावस्तु पर प्रकाश डालिए ।

8. ‘बुद्धचरित’ महाकाव्य के शैलीगत वैशिष्ट्य पर टिप्पणी लिखिए ।

9. धीरोदात्त नायक

अवित्‍कथन: क्षमावानतिगम्‍भीरो महासत्‍व: ।

स्‍थेयान्निगूढमानो धीरोदात्‍तो दृढव्रत: कथित: ।।

।।साहित्‍यदर्पण

10. ‘नैषधीयचरित’ शृगार रस प्रधान महाकाव्य है । स्पष्ट कीजिए

 

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